Punjab: मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन पंजाब कैबिनेट द्वारा साल 2023-24 के लिए आबकारी नीति को मंज़ूरी
- By Vinod --
- Friday, 10 Mar, 2023
Punjab Budget 2023-24
Punjab Budget 2023-24- मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब कैबिनेट ने शुक्रवार को साल 2023-24 की आबकारी नीति को मंज़ूरी दे दी।
इस सम्बन्धी फ़ैसला मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन पंजाब सिविल सचिवालय-1 में उनके दफ़्तर में हुई मीटिंग में लिया गया।
यह खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री दफ़्तर के प्रवक्ता ने बताया कि शराब कारोबार में स्थिरता बरकरार रखने और पिछले सालों के दौरान शुरू हुए सुधारों को जारी रखने के लिए मौजूदा रिटेल लाइसैंसों के नवीनीकरण के लिए परचून बिक्री लाइसेंस एल-2/एल-ए की पेशकश की जा रही है। इस नीति के अंतर्गत साल 2023-24 के दौरान 1004 करोड़ रुपए के वृद्धि के साथ 9754 करोड़ रुपए एकत्रित करने का लक्ष्य है। बीयर बार, हार्ड बार, क्लबों और माईक्रोब्र्यूरीज़ द्वारा बेची जाती शराब पर लगता वैट घटाकर 13 प्रतिशत और 10 प्रतिशत सरचार्ज किया गया है।
ग्रुप का बदलाव एक आबकारी साल में 10 लाख रुपए और शर्तें पूरी करने पर केवल एक बार करने की इजाज़त होगी। एल-50 पर्मिट की सालाना फीस 2500 से घटाकर 2000 रुपए और जीवन भर के लिए एल-50 पर्मिट की फीस 20 हज़ार से घटाकर 10 हज़ार रुपए कर दी गई है। जीवन भर के लिए एल-50 पर्मिट जारी करने के लिए लगने वाली लगातार तीन सालों तक सालाना एल-50 लाइसेंस जारी होने की शर्त को भी ख़त्म कर दिया गया है।
‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी-2023’ मंज़ूर
राज्य के लोगों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब कैबिनेट ने राज्य के लोगों को किफ़ायती दरों पर रेत और बजरी मुहैया करने के लिए ‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी-2023’ को मंज़ूरी दे दी। इस नीति का मंतव्य राज्य भर में रेत और बजरी की माइनिंग पारदर्शी और कानूनी तरीके से करना सुनिश्चित बनाना है, जिससे अपेक्षित मात्रा में रेत और बजरी उपलब्ध हो। इस नीति के अनुसार माइनिंग साईटों को दो श्रेणियों कमर्शियल माइनिंग साईटें (सी.एम.एस.) और पब्लिक माइनिंग साईटें (पी.एम.एस.) में बाँटा गया है। व्यापारिक माइनिंग साईटों को अलग- अलग कलस्टरों में बाँटा जाएगा और इनकी ई-टैंडर प्रक्रिया के द्वारा नीलामी की जाएगी, जबकि सार्वजनिक माइनिंग साईटों को आम लोगों के हित में विभाग द्वारा चलाया जाएगा।
इन दोनों कमर्शियल माइनिंग साईटों और पब्लिक माइनिंग साईटों पर पिट हैड से रेत 5.50 रुपए प्रति क्यूबिक फुट की दर से बेचा जाएगा। साधारण मिट्टी और साधारण क्ले की ख़ुदाई पर कोई रॉयल्टी नहीं लगाई जाएगी, जिसका प्रयोग किसानों द्वारा व्यापारिक ढांचे के प्रोजैक्टों के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए की जाएगी। दो एकड़ या तीन फुट तक गहराई तक के क्षेत्र में ग़ैर-व्यापारिक प्रोजैक्टों के लिए केवल साधारण मिट्टी की ख़ुदाई की इजाज़त होगी। इस नीति के साथ रेत और बजरी की कीमतें नीचे आऐंगी, जिससे उपभोक्ताओं को फ़ायदा होगा।
जल संसाधन और परिवहन विभाग के पुनर्गठन को सहमति
सरकारी कामकाज को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए बड़े सार्वजनिक हित में कैबिनेट ने जल संसाधन और परिवहन विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी स्वीकूत कर लिया। जल संसाधन विभाग के कामकाज की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कई पद सृजन करने और समय के साथ-साथ महत्व गवा चुके पदों को ख़त्म करने की ज़रूरत है। इसके आधार पर 1278 नए पदों की रचना की गई, जबकि 708 पदों को डाइंग काडर घोषित किया गया और बेलदारों के 957 पद सृजन किए गए हैं। जि़क्रयोग्य है कि विभाग का पहला पुनर्गठन साल 2020 में किया गया था। इस पुनर्गठन योजना से न केवल मानव संसाधनों की बेहतर तरीके से प्रयोग सुनिश्चित बनेगी, बल्कि इससे सालाना 74.74 करोड़ रुपए बचेंगे।
कैबिनेट ने परिवहन विभाग के विंग स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, पंजाब (एस.टी.सी.) के पदों के पुनर्गठन को भी मंज़ूर कर लिया। एस.टी.सी. के पुनर्गठन के साथ पदों की संख्या बढ़ेगी, जिससे लोगों के परिवहन वाहनों सम्बन्धी काम जि़ला हैडक्वार्टरों पर ही हो सकेंगे। लाइसैंसिंग और वाहनों की रजिस्ट्रेशन का काम भी आसानी से हो सकेगा, जो राज्य निवासियों के लिए बड़ी राहत होगी।
गुरू रविदास संस्थापक अध्ययन केंद्र समिति, डेरा सचखंड बल्लाँ को 25 करोड़ रुपए के फंड जारी करने की मंजूरी
मंत्री मंडल ने ज़मीनी स्तर पर विकास ज़रूरतों को हल करने के लिए गुरू रविदास संस्थापक अध्ययन केंद्र समिति, डेरा सचखंड बल्लाँ को 25 करोड़ रुपए के फंड जारी करने की मंजूरी दे दी है। डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में जि़ला स्तर पर गठित समिति द्वारा माँग के मुताबिक एक महीने के अंदर फंड जारी किए जाएंगे।
राज्य की जेलों में उम्र कैदियों की अग्रिम रिहाई की माँग के लिए केस भेजने को हरी झंडी
मंत्री मंडल ने राज्य की जेलों में उम्र कैद काट रहे दो कैदियों की अग्रिम रिहाई की माँग भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है। भारत के संविधान की धारा 163 के अंतर्गत मंत्री मंडल की मंज़ूरी के बाद विशेष माफी/अग्रिम रिहाई वाले यह केस भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन पंजाब के राज्यपाल को भेजे जाएंगे।